Noida Twin Tower Demolition: नोएडा के ट्विन टावर में ब्लास्ट का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसे आज दोपहर ढाई बजे ब्लास्ट किया जाएगा। 32 और 29 मंजिल के टावर्स को गिराया जाएगा।

आज होने वाले इस ब्लास्ट को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रेस्क्यू टीम, प्राधिकरण के अधिकारी ब्लास्ट के वक्त मौके पर रहेंगे। महज 9 सेकेंड में ये दोनों टावर मलबे में तब्दील हो जाएंगे। ट्विन टावरों (अर्थात् एपेक्स और सेयेन) में से एक इमारत की ऊंचाई 103 मीटर है, दूसरी लगभग 97 मीटर ऊंची है।

ट्विन टॉवर, twin tower demolition

सुपरटेक की कहानी

सुपरटेक लिमिटेड एक गैर-सरकारी कंपनी है, जिसे 07 दिसंबर, 1995 को निगमित किया गया था। यह एक सार्वजनिक गैर-सूचीबद्ध कंपनी है और इसे ‘शेयरों

द्वारा सीमित कंपनी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सुपरटेक के फाउंडर आरके अरोड़ा ने 34 कंपनियां खड़ी की हैं जिनमें सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन तक की अलग अलग कंपनियां शामिल हैं। 1999 में उनकी पत्नी संगीता अरोड़ा ने सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की। दिल्ली एनसीआर सहित देश के 12 शहरों में सुबर टेक ने कई रियल एस्टेट प्रोजक्ट लॉन्च किए। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मार्च, 2022 में सुपरटेक कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया था जिस पर अभी 400 करोड़ से अधिक का कर्जा है।

इतनी आई थी लागत

नोएडा सुपरटेक ट्वीन टावर में बिल्डर को निर्माण की लागत 933 रुपये प्रति वर्ग फुट आई थी और कुल निर्मित क्षेत्र 7.5 लाख वर्ग फुट है यानी करीब 70 करोड़ रुपये इसे बनाने पर खर्च हुए। वहीं इसे जमींदोज करने का सौदा भी कम मंहगा नहीं है। जिसमें बहुत अधिक विस्फोटक, जनशक्ति और उपकरण लगे हैं। इसको ढहाने में 237 रुपये प्रति वर्ग फुट का खर्चा आ रहा है जो करीब 20 करोड़ होगा।

ढहाने का पैसा भी देगी कंपनी

ढहाने की कुल लागत में से, सुपरटेक लगभग 5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है और शेष लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि मलबे को बेचकर प्राप्त की जाएगी, जो कि 4,000 टन स्टील सहित लगभग 55,000 टन होगी। इसके अलावा, इमारतों को गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग ने आसपास के क्षेत्र में किसी भी क्षति के लिए 100 करोड़ रुपये का बीमा कवर भी हासिल किया है।

Twin tower demolition

1.13 करोड़ थी 3 BHK की कीमत

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में एक 3बीएचके अपार्टमेंट की लागत लगभग 1.13 करोड़ रुपये थी। दोनों इमारतों में करीब 915 फ्लैट थे, जिससे कंपनी को करीब 1,200 करोड़ रुपये की कमाई होती। कुल 915 फ्लैटों में से लगभग 633 की बुकिंग हो चुकी थी और कंपनी ने घर खरीदारों से लगभग 180 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। अब सुपरटेक को घर खरीदारों का पैसा 12 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने को कहा गया है।

जानिए लागत और मलबा हटाने का समय
  • लगभग 3 हजार ट्रक मलबा निकलेगा
  • मलबे में लगभग 4 हजार टन स्टील होगा
  • ट्विन टावर जब गिरेगा तो मलबे के साथ 35,000 घन मीटर धूल का गुबार भी पैदा होगा
  • इस मलबे को ढोने के लिए ट्रक करीब 1200 से 1300 चक्कर लगाएंगे
  • मलबे को साफ होने में कम से कम 3 महीने का वक्त लगेगा
    जो मलबा निकलेगा उसकी कीमत 13 करोड़ तक होगी
  • टावर को गिराने में करीब 18 करोड रुपए का खर्च आएगा

टावर्स को गिराने से पहले आसपास के इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। इंसानों के साथ साथ जानवरों का भी ख्याल रखा जा रहा है। सुपरटेक टावर्स के ढहने से निकलने वाला मलबा नोएडा में अलग-अलग जगहों पर डंप किया जाएगा। लेकिन इन टावर्स को गिराना इंजीनियर्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला है।

 

 

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